Important Tribes of Madhya Pradesh
भील जनजाति
भौगोलिक वितरण -
● मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन और बड़वानी जिलों में केंद्रित है।
उप-जनजातियां-
●भील, भिलाला, बरेला, पटालिया, राठ्या, उजला ।
सांस्कृतिक परिदृश्य
* घर - भीलों के घरों के समूह को 'फाल्या' कहा जाता है।
* त्यौहार - गल, भगोरिया,चलावनी,जात्रा
* विवाह - अपहरण विवाह (भगोरिया),दापा प्रथा ( वधु मूल्य),परीक्षा विवाह (गोल गधेड़ो)
* लोक चित्रकला - पिथौरा चित्रकला “पेमा फाल्या और भूरी बाई प्रसिद्ध चित्रकार हैं।"
नृत्य - भगोरिया, डोहा,बड़वा, गोल गधेड़ो,गौरी
धार्मिक विशेषता
प्रमुख देवता -
● शीतला, अंबिका, बैराह, महादेव, लक्ष्मणदेव
धर्म-
● 90% से अधिक भील हिंदू धर्म का पालन करते हैं। वे भील जो इस्लाम में परिवर्तित हो गए उन्हें तड़वी भील कहा जाता है ।
● यह धनुष की भी पूजा करते हैं तथा यह उनका परंपरागत शस्त्र है
आर्थिक विशेषताएं
● कृषि - चिमाता (पहाड़ी वनो को जलाकर )
● वन उपज संग्रह और दैनिक मजदूरी
महत्वपूर्ण तथ्य
● भील मध्य प्रदेश के साथ-साथ भारत की भी सबसे बड़ी जनजाति हैं।
● 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश में भील जनजाति की जनसंख्या 4,61,80,68 है, जो राज्य की कुल
अनुसूचित जनजातीय आबादी का 37.7% है।
● इनके द्वारा शराब का भी सेवन किया जाता है जिसे ताड़ी के नाम से जाना जाता है।
● भील बांसुरी बजाने में माहिर होते हैं।
● भगोरिया महोत्सव कार्तिक माह में होली के त्योहार से 8 दिन पहले आयोजित किया जाता है
Bhil tribe
● Origin- From the Dravidian word billa or beel, meaning bow
(bow)
Geographical Distribution -
● Mainly concentrated in the districts of Dhar, Alirajpur,
Jhabua, Khargone and Barwani in the western part of Madhya Pradesh.
Sub tribes-
● Bhil, Bhilala, Barela, Pataliya, Rathya, Ujala.
cultural landscape
* House - The group of houses of Bhils is called 'Falya'.
* Festivals - Gal, Bhagoriya, Chalavani, Jatra
* Marriage - Kidnapping marriage (Bhagoriya), Dapa practice
(bride price), Exam marriage (Gol Ghadhedo)
* Folk painting - Pithora painting "Pema Phalya and
Bhuri Bai are famous painters."
Dance - Bhagoriya, Doha, Badwa, Gol Ghadhedo, Gauri
religious specialty
main deity
● Sheetla, Ambika, Bairah, Mahadev, Laxmandev
Religion-
● More than 90% of Bhils follow Hinduism. Those Bhils who
converted to Islam are called Tadvi Bhils.
● They also worship the bow and it is their traditional
weapon.
economic characteristics
● Agriculture - Chimata (by burning hill forests)
● Forest produce collection and daily wages
important facts
● Bhils are the largest tribe in Madhya Pradesh as well as
in India.
● According to the 2011 census, the population of Bhil tribe
in Madhya Pradesh is 4,61,80,68, which is more than the total population of the
state.
Scheduled Tribes constitute 37.7% of the population.
● Alcohol is also consumed by them which is known as toddy.
● Bhils are experts
in playing the flute.
● Bhagoriya Festival is held 8 days before the festival of
Holi in the month of Kartik
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गोंड जनजाति
● "कोण्ड" शब्द से जिसका अर्थ वन आच्छादित पर्वत है।
भौगोलिक वितरण -
● गोंड ज्यादातर विंध्य और सतपुड़ा पर्वतीय क्षेत्रों, मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में पाए जाते हैं।
●बैतूल, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, बालाघाट, शहडोल, मंडला, सागर और दमोह जिलों में गोंडों की बड़ी आबादी है।
सांस्कृतिक परिदृश्य
प्रमुख व्यक्तित्व - रानी दुर्गावती, शंकरशाह,,रघुनाथ शाह, मदन शाह
लोक देवता -ठाकुरदेव,माताबाई, बधेश्वर, खैरमाता, सूरजदेव,दूल्हादेव
विवाह - पठौनी विवाह, दूध- लौटावा विवाह, चढ़ विवाह और लमसेना विवाह ।
पर्व - बिदरी, करमा, मड़ई, हरदिली, बकपंथी, छेरता, नवाखानी, मेघनाद
नृत्य - सैला, करमा, बिरछा कहरवा, सजनी, सुआ, दीवानी. भडौनी संगी
उप-जनजाति
•अगरिया - लोहार
• परधान - पुजारी के रूप में
•ओझा - तांत्रिक और विद्वान के रूप में
•सोलाहस -बढ़ई
• कोइलाभूतिस- नृत्य गान करने वाले
सामाजिक विशेषताएं
• गोंड समाज प्रकृति में रूढ़िवादी है और सख्त बहिर्गमन का पालन करता है।
• महिलाएं टैटू और गहना प्रिय होती है ।
• समाज को दो समूहों में बांटा गया है- पहले राज गोंड ( भू स्वामी, संपन्न वर्ग) और धुर गोंड (साधारण वर्ग,
मजदूरी एवं कृषि कार्य)।
• मुरिया जनजाति के समान गोंड जनजाति में घोटुल परंपरा (युवागृह) बहुत लोकप्रिय है।
• जाति पंचायत के मुखिया को गोटिया कहते हैं ।
विशेष
● यह स्वयं को कोइतुर कहते है ।
● गोंड मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे अधिक आबादी वाली जनजाति है।
● गोंड एकमात्र जनजाति है जिसकी मध्य प्रदेश के सभी जिलों में उपस्थिति है।
● अंतिम संस्कार प्रथा के लिए गोंड शव दहन तथा दफन दोनों प्रथाओं का पालन करते है ।
●बैगा जनजाति के लोग मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन तथा लघुवनोपज संग्रह का कार्य करते है ।
Gond tribe
Origin-
● From the word "Konda" which means forest covered
mountain.
Geographical Distribution -
cultural landscape
Marriage - Pathoni Marriage, Milk- Lautawa Marriage, Chadh Marriage and Lamsena Marriage
Gond tribe
Produce-
● From the word "Konda" which means forest covered mountain.
Geographical Distribution -
Prominent personalities - Rani Durgavati, Shankarshah, Raghunath Shah, Madan Shah
Folk Gods - Thakurdev, Matabai, Badheshwar, Khai
social characteristics
• The Gond society is conservative in nature and follows a strict exogamy.
• Women love tattoos and jewelry.
• The society is divided into two groups- first Raj Gond (land owning, rich class) and Dhur Gond (ordinary class,labor and agricultural work).
• The Ghotul tradition (youth home) is very popular in the Gond tribe, similar to the Muria tribe.
• The head of the caste panchayat is called Gotiya.
Specific
● He calls himself Koitur.
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कोल जनजाति
●भौगोलिक वितरण -
कोल प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में बसे हुए हैं।
● रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सतना, जबलपुर है।
उप-जनजाति
● रोहिया, रौठेल,
सांस्कृतिक परिद्रश्य
●कोल की पंचायत को गोहिया कहते हैं।
●कोल समुदाय आमने सामने घर बनाकर टोले में रहना पसंद करते है जिसे कोल्हिन टोला कहते है।
सामाजिक विशेषताएं
● कोल समुदाय प्रकृति में पितृसत्तात्मक है।
● बहुविवाह की अनुमति है लेकिन वधू मूल्य और पर्दा प्रथा का प्रचलन नहीं है ।
आर्थिक विशेषताएं
● अधिकांश खेतिहर मजदूर ।
● कृषि के अतिरिक्त कारखानों में मजदूरी तथा खदानों में मजदूर के रूप में कार्य
सामाजिक विशेषताएं
● प्राकृतिक देवताओं (सूर्य, चंद्रमा, इंद्र, पवन, गंगा-यमुना आदि) तथा अन्य महत्वपूर्ण देवता ( ठाकुर देव, ठकुराइन देवी, ज्वालामुखी, शेर माता, भैरव बाबा, सन्यासी देव आदि) की पूजा ।
● कोल लोग हिंदुत्व का पालन करते हैं और इससे जुड़े सभी अनुष्ठान करते हैं।
विशेष तथ्य
● कोल मध्य प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है। यह भूमि पर सबसे प्राचीन जनजातियों में से एक है।
● कोल का उल्लेख ऋग्वेद (कोल्हाटी के रूप में संबोधित) के पाठ के साथ-साथ पुराणों में भी मिलता है।
अन्य नाम - कोलर्यन और भंडारी
Kol tribe
● Geographical distribution -
economic characteristics
● In addition to agriculture, labor in factories and work as
a laborer in mines.
special facts
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